IPS, LCD तथा Super AMOLED डिस्प्ले में क्या अंतर होता है

By Mahesh Ishana

Updated on:

Differences between displays

आजकल के Smartphones में किस किस प्रकार के डिस्प्ले को यूज़ किया जाता है ये जानना बहुत ही जरुरी है जब हमें नया Mobile लेना होता है.

काफी लोग जब नया Mobile खरीदने जाते हैं अथवा Online Order करते हैं तो वे मोबाईल के Specifications, जैसे Camera, Perocessor, और Design को देख कर पसंद करते है जबकि Mobile में सबसे जरुरी चीज डिस्प्ले ही है अगर डिस्प्ले अच्छा नहीं है तो आपको विडियो देखने,

Game खेलने में अच्छा अनुभव नहीं मिलेगा, Next Time जब आप नया Smartphone लेने के लिए जाए तो यह भी देखें कि किस प्रकार का डिस्प्ले आपके लिए Best रहेगा.

IPS, LCD तथा Super AMOLED डिस्प्ले में क्या अंतर है

आजकल बाज़ार में कई प्रकार के डिस्प्ले मौजूद हैं, जिस वजह से कुछ लोग कन्फ्यूजन में होते है कि किस प्रकार का Display वाला स्मार्टफोन लेना चाहिए, इन Displays का उपयोग बहुत से प्रोडक्ट्स में किया जाता है जैसे कि कंप्यूटर, मोबाइल स्मार्ट वाच आदि आदि.

आज हम सिर्फ उन्हीं डिस्प्ले के बारे में बात करेंगे जो ज्यादातर Mobiles में यूज़ किया जाता है या बहुत चर्चित है।

ये भी पढ़ें: Signal App क्या है और इसे कैसे यूज़ करे

1. AMOLED डिस्प्ले क्या होता है?

AMOLED, OLED का ही Advanced Version है जिसका फुल-फॉर्म है Active Matrix Organic Light Emitting Diode. दोनों एक ही Machenism पर काम करते हैं इन Dispalys में Backlight नहीं होती इसके हर Pixels में खुद का एक Transister लगा होता है जिसकी वजह से Display के जिन जगहों पर Colours की जरुरत होती, Pixels वहीं की Light को ON करते है,

बाकी जिन जगहों में Lights की जरूरत नहीं होती वहां के Pixels ऑन ही नहीं होते. इसी वजह से  जब स्क्रीन पूरी तरह से ब्लैक होती है तो ऐसा लगता है कि स्क्रीन off है. तथा इस Technology के कारण Battery कम खर्च होती है,

AMOLED डिस्प्ले मे रंग वास्तविक तो नहीं मिलते लेकिन थोड़ा Vibrant और Over Saturated Colour रहता है जो हमारे इंसानी आंखो को अत्यधिक प्रिय लगते है. ये Display बहुत ही लचीली होती है अतः जल्दी टूटती नहीं और कभी टूट गयी तो बनवाना थोड़ा महंगा पड़ जाता है।

 
 

2. OLED डिस्प्ले क्या है

OLED डिस्प्ले उपर के 3 Displays से अच्छे रंग दिखाता है इस वजह से कुछ महंगा है, OLED Display थोडा पतला होने के साथ साथ इसका View Angle भी अच्छा होता है,

पिछले कुछ वर्षों तक सारे Display, LCD टेक्नोलॉजी पर काम करते थे लेकिन इसका Machenism थोड़ा अलग है OLED में आपको कोई भी Backlight नहीं मिलती है जिसके कारण हल्का ओर पतला मिल जाता है।

 

ये भी पढ़ें: Whatsapp में Delete किये हुए मेसेज कैसे देखें Mobile में

3. LCD डिस्प्ले क्या है

किसी भी प्रकार के Display में इन तीन चीज़ों का होना अति आवश्यक होता है पहला – डिस्प्ले को रोशनी देने के लिए एक लाईट जिससे Display को देखा जा सके, दूसरा – कलर्स,आपको डिस्प्ले में रंग दिखाइ देगी अगर रंग ही नहीं होंगे तो पूरा डिस्प्ले सफेद दिखेगा या काला, अतः डिस्प्ले में रंगों का होना बहुत जरूरी है.

एलसीडी डिस्प्ले ज्यादातर स्मार्टफोन्स में यूज़ किये जाते है, यह अच्छी ब्राइटनेस के साथ आता है और अमोल्ड डिस्प्ले के मुकाबले ज्यादा सस्ता मिलता है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें की सूर्य से आने वाली किरणें Non-Polerised होते हैं जिसके कारण सुरज से आने वाली किरण टेढ़ी मेढ़ी दिखाई पड़ती है, किन्तु इन किरणों के बीच Vertical Polerised filter लगा दिया जाए तो हमे सिर्फ सीधी लाइट्स ही देखने को मिलता है,

 

4. TFT Display के बारे में जानकारी

Tft display (Thin Film Transister) होता है इसको LCD Display का नया वर्शन माना जाता है   क्योंकि TFT डिस्प्ले दुसरे Displays के मुकाबले सस्ता मिलता है और इसकी मोटाई भी कुछ ज्यादा होने के वजह से मोबाईल के आकर में भी फर्क आ जाता है अतः इस डिस्प्ले का इस्तेमाल पहले के Smartphones और आजकल के सस्ते Mobiles में किया जाता है,

चूंकि यह डिस्प्ले थोडा सस्ते में मिल जाता है अतः इसमें कुछ खामियां भी है रंगों और क्वालिटी के हिसाब से, अगर जब कभी आप नया फ़ोन लेने जाएँ तो ये सुनिश्चित कर लें कि मोबाइल tft डिस्प्ले वाला ना हो, क्योकि इसमें आपको थोड़ा फीका और विडियो का अनुभव ठीक से नहीं ले पाएंगे, साथ ही ये डिस्प्ले जल्दी टूट जाता है।

 

ये भी पढ़ें: Android Mobile Ka Lock Kaise Tode

 

5. IPS-LCD डिस्प्ले क्या है

आईपीएस एलसीडी ये एलसीडी का ही एक रूप है इसमें भी वही टेक्नोलॉजी काम करती है जो एलसीडी डिस्प्ले में करती थी, यह डिस्प्ले आज के इस दौर में Trend में है क्योंकि ये AMOLED display के मुकाबले सस्ते और रंगों को बहुत Natural दिखाते है,

जबकि AMOLED डिस्प्ले मे Colours ज्यादा बूस्टेड और Over Saturated रहता है अगर आप भी  अपने मोबाइल में एक्यूरेट कलर्स देखना चाहते है तो आपको IPS LCD Display के साथ ही जाइये. 

इस Display में भी एक Backlight होता है जिसके कारण सूर्य की तेज किरणों में भी इस Display को बिना किसी दिक्कत के क्लियर देख पाएंगे, और View Angle को बढ़ाया गया है अर्थात  आप जब Smartphone को कुछ Tilt भी करते है तो ठीक से देख पायेंगे,

यह Display भी AMOLED के मुकाबले सस्ती ओर TFT Display से महंगा मिल जाता है और AMOLED से कुछ कम ओर TFT से थोड़ा मोटा रहता है जिसके कारण Smartphones भी थोड़े भारी हो जाते है.

इस डिस्प्ले का Down Point ये है कि ये Backlight Technology पर काम करता है जिससे Battery भी ज्यादा खर्च होती है ओर Black Colour को Black के बजाए थोड़ा Grey Colour में दिखाता है।

 

सही डिस्प्ले का चुनाव कैसे करें

बहुत से डिस्प्ले के बारे में जानने के बाद भी बहुत से लोग इसी Confusion में होंगे कि कौन सी Types of mobile display screen वाला मोबाइल लें, अगर आपके दिमाग में ये सवाल है तो फ़िक्र मत कीजिये हम आपको आपके Use के According सही डिस्प्ले की जानकारी देंगे,

अगर 3000-4000Rs. के अंदर थोड़े सस्ते मोबाइल चाहिए तो आप tft डिस्प्ले ही लें क्योंकि इस Price में किसी और Display का विकल्प ही नहीं है इसमें भी आपको अच्छा Experince मिलेगा,आपकी Budget 10K से उपर है तो आप IPS LCD का चुनाव करें क्योंकि इस कीमत में आपको AMOLED Display मुश्किल से ही मिल पाता है.

और IPS Display आप तभी लीजिये जब आपको Pure Natural Colour देखना हो, यह डिस्प्ले आपको सभी Displays से अच्छा रंग दिखाता है जो हम खुले आंखो से देखते है,

25K के उपर का बजट होगा तो AMOLED, Super AMOLED और Retina Display वाला Smartphone ले सकते है क्योंकि ये सभी Battery की खपत को कम करता है और Vibrant Colour दिखाता है जो इंसानी आंखो को अत्यधिक प्रिय लगते है ये सभी Display आंखो के लिए भी सेहतमंद होते है।

 

Smartphone डिस्प्ले को कैसे प्रोटेक्ट करें

अब बारी आती है Display को सुरक्षित रखने की, एक अच्छी डिस्प्ले स्क्रीन वाला फोन ही काफी नहीं है हमें यह भी देख लेना चाहिए कि फोन में कौन सा Protector Glass लगा है, Market में आपको बहुत सारे Glass मिल जाएंगे लेकिन आज हम सिर्फ Gorilla Glass Protector ग्लास के बारे में जानकारी देंगे जो काफी कठोर ओर सबसे ज्यादा यूज़ किया जाता है.

 

Gorilla Glass

इसका यूज़ सबसे पहले 2007 में iPhone में किया गया था, Gorilla Glass बनाने वाली Company Corning यह कभी नहीं बोलती की हमारे Glass में Scratch नहीं पड़ेगा ये जो ग्लास है वो काफी हद तक आपके Display में Scratch आने से बचाती है लेकिन एक भी Scratch ना आए ऐसा Possible नहीं है,

ऐसा क्यों है इसके लिए आपको हार्डनेस स्केल के बारे में जानकारी होनी चाहिए, इसमें Material 0 से 10 नंबर तक Hard होते है 0 का अर्थ कम Hard और 10 का अर्थ बहुत ज्यादा Hard वाली वस्तुओ जैसे की हीरा. 

Gorilla Glass 6.5 नंबर तक के Hard Material को झेल सकती है अर्थात 6.5 के उपर के Material जैसे कि रेत कंकड़ से Scratch आ जाता है.

 

इन्हें भी पढ़ें:


हमें उम्मीद है की आपको इस लेख Mobile Display Types – IPS, Retina, and AMOLED in Hindi
 से काफी उपयोगी जानकारी मिली होगी. आपको हमारा यह लेख कैसा लगा हमें Comment में जरुर बताएं, साथ ही अगर लेख पसंद आया हो तो इसे Social साइट्स और दोस्तों के साथ Share करना ना भूलें

Leave a Comment